अयंगर योगः 195 सूत्रों में पिरोया गया है योग को, ध्यान से लेकर वर्कआउट है इसमें शामिल

योग का मतलब होता है संगठन, जुड़ना और उससे खुद को बांधना। अपने स्कूली दिनों से यहीं सीखा था अभिषेक ने, इसीलिए तो पोस्ट ग्रेजुशन एंट्रेम एग्जाम के परिणाम का इंतजार कर रहे अभिषेक ने इस बीच योग को सीखने का फैसला किया। बाकी लोगों की तरह उसने भी योग के बारे में सुना तो बहुत कुछ था। कभी दोस्तों के बीच तो कभी परिवार वालों से, इसीलिए उसने योगा क्लास खोजना शुरू किया और दोस्तों से क्लास के बारे में पूछना सही समझा। उम्मीदों और उत्साह से भरे अभिषेक ने जब अपने दोस्तों से पूछा तो अपने दोस्तों के जवाब सुनकर वो निराश हो गया। किसी ने उसे हाथ योग क्लास को जॉइन करने की सलाह दी तो किसी ने युवाओं के लिए पावर योग को सही बताया। ये सब तो कुछ नहीं एक दोस्त का जवाब सुनकर तो आश्चर्य में पड़ गया। एक दोस्त ने तो यहां तक कह दिया कि टीवी से योग सीख लो, क्लास में जाकर पैसा बर्बाद मत करो। निराशा से भरे अभिषेक के ही एक दोस्त ने कहा कि वो अयंगर योग क्लास जाता है और अगर तुम योग सीखना चाहते हो तो इससे अच्छा विकल्प नहीं है।

महालक्ष्मी व्रतः मां लक्ष्मी की इस तस्वीर की कल से शुरू करें पूजा, ‌मिलेगी खास कृपा

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को व्रत किया जाता है और अश्विन माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्टमी को ये व्रत पूरा होता है। गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद आने वाला ये पर्व 29 अगस्त से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलेगा। 29 अगस्त को महालक्ष्मी व्रत के साथ ही राधा अष्टमी भी है। इस दिन से का व्रत शुरू किया जाता है, जो करीब 15 से 16 दिन तक चलता है। इस व्रत को रखने से की कृपा मिलती है। इसमें की खास तस्वीर की पूजा की जाती है। जानिए पूजा करने का सही तरीका ये भी पढ़ें-  ऐसा माना जाता है कि इस दिन हाथी पर विराजित मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए। इस दिन चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की स्‍थापना करें। पूजा में मां लक्ष्मी के सामने श्रीयंत्र रखें और उन्हें खासतौर पर कमल का फूल अर्पित करें। इसके अलावा कमल का फूल, सोने चांदी और मिठाई अर्पित करें।

सोमवार को भगवान शिव और गणेशजी की एक साथ करें पूजा ,जरूर पूरी होगी मनोकामना

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने का दिन माना जाता है। इस समय भगवान शिव और गौरी के पुत्र जी के जन्मदिन के अवसर पर उनका उत्सव पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। ऐसे में अगर एक साथ पिता और पुत्र दोनों की आराधना की जाए तो कुंडली के दोष दूर हो जाते है और मनोकामना जरूर पूरी होती है। पढ़ें- सोमवार की सुबह मंदिर में जाकर शिवलिंग में जल और बिल्व पत्र चढ़ाएं साथ ही गणेश जी को दू्र्वा चढ़ाएं। इससे दोनों देवताओं का हमे आशीर्वाद मिलता है। पढ़ें-गणेशजी को मोदक बहुत ही प्रिय होता है इसलिए किसी भी मंदिर में पूजा करते समय गणेशजी को मोदक या बेसन से बने लड्डू चढ़ाए। साथ ही शंकर जी को दूध से शिवलिंग को स्नान कराएं। शिवजी के सामने घी का दीपक जलाएं और ऊं नम: शिवाय का जाप 108 बार करें साथ ही गणेश जी की वंदना करें और ॐ गं गणपतये नम: का जाप भी करें। अपने शत्रु के नाश के लिए नीम की जड़ के गणपति के सामने ‘हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा’ का जप करें। लाल चंदन और लाल रंग का फूल चढ़ाएं। इससे कुंडली में मौजूद दोष का निवारण होता है।

गणेश उत्सव में 'गणपति बप्पा मोरया' के जयकारे क्यों लगाए जाते हैं, जानिए इसके कारण

इस समय में देश में गणेश उत्सव की धूम है। के दिन भक्त अपने- अपने घरों में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करते है और भक्ति में डूबे रहते है। बड़े-बड़े पूजा पंडालों में गणपति की गूंज सुनाई देती है। इस समय हर भक्त के जुबान पर एक ही जयकारा गूंज रहा है 'गणपति बप्पा मोरया'। लेकिन क्या आप जानते है कि गणपति बप्पा मोरया क्यों बोला जाता है। आइए जानते है इसके पीछे का कारण। पढ़ें-  गणपति के जयकारे की कहानी महाराष्ट्र के एक गांव चिंचवाड़ गांव से जुडी है। इस गांव में एक संत पैदा हुए थे जिनका नाम मोरया गोसावी था। माना जाता है भगवान गणेश के आशीर्वाद के बाद ही मोरया का जन्म हुआ था। वह जन्म से ही भगवान गणेश जी भक्ति में लीन रहने लगे थे।

अगस्त के आखिरी चार दिनों में लगेगा विष योग, इन 5 राशियों पर पड़ेगा भारी

जब शनि और चंद्रमा एक साथ गोजर करने लगता है तो विष योग बनता है। ऐसा संयोग कई राशि वालों के लिए बेहद कष्टकारी माना जाता है। वैसे तो प्रत्येक माह में एक बार विष योग बनता है, लेकिन इस बार अगस्त के महीने में दो बार विष योग बन रहा है। अगस्त के शुरुआती दिन में विष योग बन चुका है और अब 28 से 31 अगस्त को फिर एक बार विष योग बन रहा है। ऐसे में 5 राशियों पर यह विष योग बुरा प्रभाव डालेगा। आइए जानते है कौन सी यह 5 राशियां। पढ़ें- मिथुन- इस राशि के जातकों के लिए सप्ताह के शुरुआती दिनों में चंद्रमा पंचम भाव में गोचर करेंगें, जो ऊंची बुद्धिमता का संकेत कर रहा है। प्रेम संबंध और संतान के प्रति हालांकि आपको चिंतित होना पड़ सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम को लेकर भी आपका मन इस समय चिंतित रह सकता है। सप्ताह के मध्य में चंद्रमा आपके छठे घर में विचरण करेंगें जो कि शनि के साथ विष योग भी बना रहे हैं। इस समय अनजाना डर मन को परेशान कर सकता है।  तुला- इस राशि के जातकों के लिये सप्ताह के आरंभिक दिनों में चंद्रमा आपकी ही राशि में विचरण करेंगें, जिससे आपको शारीरिक सुख और आत्मा का सुख प्रचुर मात्रा में मिलेगा। प्रेम संबंधों एवं दांपत्य जीवन में सुख की प्रचूर मात्रा रहेगी। सप्ताह के मध्य दिनों में चंद्रमा शनि के साथ विष योग बना कर द्वितीय भाव में विद्यामान रहेंगें जो कि आपका व्यर्थ धन व्यय करवायेंगें। मन नकारात्मक विचारों से भरा हुआ रह सकता है। अंजान भय भी मन में बना रह सकता है।  मकर- इस राशि के जातकों के लिये सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा कर्मभाव में विराजमान रहेंगें। पिछले कुछ समय से कार्यक्षेत्र से अधिक लाभ न मिल पाने के कारण इस समय आपको भविष्य के लिये खुशियां मिल सकती है। पिता के सानिध्य में भी समय व्यतीत करने के योग बन रहे हैं। सप्ताह के मध्य दो दिनों में चंद्रमा लाभ घर में शनि के साथ विषयोग बनायेगा।  कुंभ- इस राशि के जातकों के लिए सप्ताह के शुरुआती दिनों में चंद्रमा भाग्य स्थान में विचरण करेंगें। भाग्यवश आपको जीवन में काफी अच्छे विकल्प भी मिल सकते हैं। जिन विकल्पों को आप सोचकर आगे भी बढ़ सकते हैं। आपके मन में धार्मिक प्रवृतियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। दो दिनों में चंद्रमा कर्मभाव में शनि के साथ विषयोग बना रहा है। दो दिनों में आपको कार्यक्षेत्र में काफी संघर्ष और परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।  कर्क- आपकी राशि से पंचम स्थान में शनि और चंद्रमा विष योग बन रह है। ऐसे में अगस्त के अंतिम दिनों में इस राशि कि जातको को संतान को लेकर बहुत सारी परेशानियां पैदा हो सकती है।

ऋषि पंचमी : सप्तऋषियों के पूजन से दूर होते हैं अनजाने में किए गए सारे पाप

आज ऋषि पंचमी है। भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है। इस व्रत को पुरुष और महिलाएं दोनो ही कर सकते है। ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं ऋषियों की पूजा कर उनसे धन-धान्य, समृद्धि, संतान प्राप्ति तथा सुख-शांति की कामना करती हैं। पढ़ें-  शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को सप्तऋषियों की पूजा करने से सभी प्रकार के पापो से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से जाने-अनजान में किए गए सारे पाप कट जाते है। इस व्रत के बारे में ब्रह्राजी ने राजा सिताश्व को बताया था जिसे करने से प्राणियों के समस्त पापों का नाश हो जाता है। सनातन धर्म में स्त्री जब मासिक धर्म या रजस्ख्ला (पीरियड) में होती है तब उसे सबसे अपवित्र माना जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए वर्ष में एक बार ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। ऋषि पंचमी के व्रत में किसी नदी में स्नान करना चाहिए और कथा सुननी चाहिए साथ ही दान-दक्षिणा आदि करना चाहिए। इस व्रत को करने से धन-सम्पति और सुख- शांति का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन सप्तऋषियों की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते है। अविवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन हल से जोते हुए अनाज को नहीं खाया जाता अर्थात जमीन से उगने वाले अन्न ग्रहण नहीं किए जाते हैं। 

वीजा नहीं मिल पा रहा है तो चले आइए 500 वर्ष पुराने इस मंदिर में

यदि आपका वीजा नहीं बन पा रहा है तो निराश न होएं। जल्द ही आपका वीजा बन बनेगा, लेकिन इसके लिए आपको हैदराबाद जाना बनेगा। किसी सरकारी दफ्तर नहीं, बल्कि मंदिर। वीजा वाले बालाजी मं‌दिर में, जहां लोग वीजा बनने के लिए मन्नत मांगते हैं और इच्छा पूरी होने पर उनके चरणों में अपना वीजा अर्पित करते हैं। हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर ये मंदिर, ओसमान सागर लेक के तट पर चिल्कुर बालाजी मंदिर आ जाएं। इन्हें ही वीजा वाले बालाजी कहते हैं। इस मं‌दिर की स्‍थापत्य कला देखने लायक है, 500 वर्ष पुराना मंदिर जो है। ये भी पढ़ें-  जानकारों के मुताबिक प्राचीन काल में यहां भगवान वेंकटेश बालाजी के भक्त रहजे थे। अपने भगवान के लिए उनकी भक्ति देखने लायक थी। इसी वजह से हर वर्ष वे अपने घर से कोसों दूर तिरुमल बालाजी मंदिर आते थे भगवान के दर्शन करने। एक बार उनकी तबीयत खराब हो गई। तबीयत इतनी खराब थी कि वे अपने भगवान से मिलने मंदिर तक यात्रा नहीं कर सकते थे। ऐसे में भगवान बालाजी ने उनसे सपने में आकर आ कहा है मैं तो तुम्हारे पास के जंगल में रहता हूं और तुम मुझसे मिलने इतनी दूर आते हो। सुबह भक्त भगवान के बताए स्‍थान पर पहुंचा तो उसे वहां एक उभरी हुई जमीन दिखाई दी। वहां पर खुदाई शुरू हुई। इसी में कुदाल बालाजी की मूर्ति पर लग गई और रक्त बहने लगा। रक्त बहते देख भक्त चिंतित हो गया। उसी वक्त आकाशवाणी हुई और कहा गया कि दुध से नहलाकर उसी जगह पर मूर्ति स्‍थापित की जाए। जब भक्त ने दुग्‍धा‌‌भिषेक किया तो उसी समय वहां पर श्रीदेवी और भूदेवी की प्रतिमा भी अवतरित हो गई। तभी से यहां पर तीनों की पूजा की जा रही है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को करेें ये उपाय, पूरी होगी मनोकामना

25 अगस्त की शाम को शनि वृश्चिक राशि में मार्गीय हो गए है। इस वजह से कुछ राशियों पर सकारात्मक तो कुछ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यदि किसी की राशि में शनि की साढ़े साती चल रही हैं तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई उपाए बताए गए है। इन उपायों को करने से आप की मनोकामना पूरी हो सकती है। पढ़ें- ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन तेल से बने भोजन को भिखारी को खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय रोटी खिलाने से जीवन की समस्याएं दूर होती है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए हनुमानजी की पूजा करने से शनि का असर कम होता है। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि के सभी दोष समाप्त होते हैं। शनिवार के दिन काली चीजों जैसे काली उड़द दाल, काला कपड़ा ,काला चना और काली मिर्च को गरीबों में दान देने से शनिदेव खुश होते है। अपने जीवन में पैसा, वैभव और यश प्राप्त करने के लिए शनिवार की शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाना चाहिए ।

मंगल का 27 अगस्त को राशि परिवर्तन, इन 6 राशियों पर रहेगा भारी

मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है जो स्वभाव से क्रोध के भाव में रहता है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्जा, शक्ति एवं पराक्रम का कारक भी है। 27 अगस्त को मंगल का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। कर्क राशि से बदलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। 27 अगस्त 2017 को सुबह 08:51 बजे मंगल सिंह राशि में गोचर करेंगे और 13 अक्टूबर 2017 को शाम 04:25 बजे तक इसी राशि में स्थित होंगे। आइए जानते है मंगल का राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा। पढ़ें- मेष- मंगल का परिवर्तन इस राशि में 5वें भाव में हो रहा है । मंगल का निन्न राशि कर्क से उच्च राशि सिंह में आने से इस राशि के जातको के लिए शुभ संकेत के आसार बन रहा है। पारिवारिक मामले की परेशानी खत्म होगी। नए घर का योग बन सकता है। जो लोग अपने वर्तमान कार्यक्षेत्र को बदलना चाहते है उनके लिए यह समय अच्छा हो सकता है। धन लाभ के प्रबल संकेत है।वृष- मंगल अपने पराक्रम भाव को छोड़कर सुख के भाव में प्रवेश कर रहे हैं। जिसके कारण इस राशि के जातको को सकारात्मक परिणाम मिल सकता है। यदि इस समय कोई बिजनेस शुरू करना चाहता है यह उसके लिए शुभ समय है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के संकेत है। मिथुन- मंगल का यह परिवर्तन तीसरे भाव में हो रहा है जो आपके पराक्रम का स्थान को बताता है। इन राशि के जातको के लिए आने वाला समय में काफी कुछ शुभ-शुभ होने के संकेत मिले सकते है। इस दौरान विदेश यात्रा का योग बन रहा है।कर्क- मंगल का यह परिवर्तन धन भाव में होने से इस राशि के जातको को धन प्राप्ति के योग बनने के संकेत साफ है। यह परिवर्तन वाद-विवाद का कारण बन सकता है कुल मिलाकर इस स्थान बदलाव से मिलेजुले परिणाम देखने को मिल सकता है।सिंह- मंगल नीच राशि को छोड़कर सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस समय यह आपके लगभग सारे काम में आने वाली रुकावट को दूर कर देगा। सरकारी क्षेत्र में लाभ मिलने के प्रबल संकेत है।कन्या- मंगल आपकी राशि में 12वें स्थान में प्रवेश करेंगे। यह परिवर्तन आपकी राशि के लिए शुभ नहीं है। बीमारी या फिर किसी दुर्घटना का संकेत यह परिवर्तन साफ तौर पर दिख रहा है संभल कर रहने की आवश्कता है। तुला- मंगल का इस राशि में परिवर्तन लाभ वाले योग में हो रहा है जिससे इस राशि वालों के लिए धन प्राप्ति के योग बनेगा। इसके साथ यह आपके यश में भी वृद्धि करेगा।वृश्चिक- मंगल इस राशि के 10वें स्थान में अपना प्रवेश कर रहे हैं जोकि कर्मक्षेत्र का सूचक है। जिससे आपका प्रमोशन होने का योग है। कर्मक्षेत्र होने के कारण करियर में जोश और जुनून आपको सफलता की सबसे ऊपरी मंजिल तक ले जाएगा। इस राशि वालों के लिए भविष्य में पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी।धनु- मंगल का यह परिवर्तन आपके जीवन में अच्छे परिणाम लाने की ओर संकेत कर रहा है। उच्च शिक्षा के लिए आप विदेश में अध्ययन करने की योजना बना सकते हैं। लंबी दूरी की यात्रा आपके लिए लाभकारी साबित होगी। परिवार का सहयोग मिलेगा।मकर- मंगल का आपकी राशि में 8वें भाव में प्रवेश कर रहा है जिसके कारण यह परिवर्तन इस राशि वालों के लिए ज्यादा खास उत्साहजनक नहीं है। कार्यक्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि के साथ आपके साथ कोई दुर्घटना घट सकती है।कुंभ- कुंभ राशि के जातको के लिए मंगल का प्रवेश सातवें भाव में हो रहा है।इस दौरान नौकरी में आपकी पदोन्नति की प्रबल संभावना है। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से किसी बात पर मनुमटाव हो सकता है। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और बहसबाज़ी के चक्कर में न पड़ें।मीन- मंगल आपकी राशि में 6वें भाव में अपना स्थान बदल रहा है। जिसके कारण आपको सफलता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।यदि व्यवसाय में पैसे की दिक्कत सामने आ रही है तो इस समय मंगल के प्रभाव से आपको कर्ज मिल सकता है। साथ ही किसी पुराने कर्ज के बढ़ने की संभावना भी बन सकती है।

सिर्फ इन 3 कारणों से जिंदगी में आते हैं अजनबी लोग, चंद पलों की होती है मुलाकात

हर रोज न जानें कितने लोगों से मिलते हैं। कभी किसी बस स्टैंड तो कभी किसी मॉल में टकरा जाते हैं। हजारों चेहरों से आमना सामना होता है रोज, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि ये हजारों चेहरे हमसे क्यों टकराते हैं। नहीं ये मात्र नहीं होता, इन अजनबी लोगों का हमारी जिंदगी में आने के पीछे कोई न कोई मकसद होता है।  ये भी पढ़ें- कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हमेशा के‌ लिए हमारे जीवन में नहीं आते। सिर्फ किसी खास मकसद के लिए ही आते हैं और मकसद पूरा होते ही हमारी जिंदगी से चले जाते हैं। जानकारों की मानें तो ये सब पहले से ही निर्धारित होता है कि कौन हमारी जिंदगी में आएगा। इन 3 कारणों से हमारी जिंदगी में आते हैं अजनबी लोग और मकसद पूरा होते ही चले जाते हैं। कई बार लोग हमें आगे बढ़ने से रोकने के लिए आते हैं। मतलब जिस मार्ग पर चल रहे हैं, वो सही है या नहीं। अगर हमारे लिए वो रास्ता सही नहीं है ब्रह्मांड की कोई शक्ति मानव रूप में हमारे पास आती है। इसीलिए कुछ समय के लिए वहां रूक जाना चाहिए और जिस काम के लिए जा रहे हैं उसके बारे में वापस से विचार करना चाहिए। कई बार हमसे ऐसे लोग टकरा जाते हैं, जो हमें हमारे उद्देश्य से मिलवाते हैं। ये लोग चंद पल के लिए ही हमारी जिंदगी में आते हैं। इन लोगों से छोटी सी मुलाकात भी ये बताने के लिए काफी होती है कि हमारी जिंदगी का उद्देश्य क्या है। ऐसे लोग हमारी आत्मा पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ जाते हैं। जब थककर बैठ जाते हैं तो ये ही लोग हमें फिर से खड़ा करके अपने रास्ते चले जाते हैं।