योग ध्यान

अयंगर योगः 195 सूत्रों में पिरोया गया है योग को, ध्यान से लेकर वर्कआउट है इसमें शामिल

योग का मतलब होता है संगठन, जुड़ना और उससे खुद को बांधना। अपने स्कूली दिनों से यहीं सीखा था अभिषेक ने, इसीलिए तो पोस्ट ग्रेजुशन एंट्रेम एग्जाम के परिणाम का इंतजार कर रहे अभिषेक ने इस बीच योग को सीखने का फैसला किया। बाकी लोगों की तरह उसने भी योग के बारे में सुना तो बहुत कुछ था। कभी दोस्तों के बीच तो कभी परिवार वालों से, इसीलिए उसने योगा क्लास खोजना शुरू किया और दोस्तों से क्लास के बारे में पूछना सही समझा। उम्मीदों और उत्साह से भरे अभिषेक ने जब अपने दोस्तों से पूछा तो अपने दोस्तों के जवाब सुनकर वो निराश हो गया। किसी ने उसे हाथ योग क्लास को जॉइन करने की सलाह दी तो किसी ने युवाओं के लिए पावर योग को सही बताया। ये सब तो कुछ नहीं एक दोस्त का जवाब सुनकर तो आश्चर्य में पड़ गया। एक दोस्त ने तो यहां तक कह दिया कि टीवी से योग सीख लो, क्लास में जाकर पैसा बर्बाद मत करो। निराशा से भरे अभिषेक के ही एक दोस्त ने कहा कि वो अयंगर योग क्लास जाता है और अगर तुम योग सीखना चाहते हो तो इससे अच्छा विकल्प नहीं है।

11 दिनों तक‌ लगातार बोलें ये मंत्र, हर कोई मानने लगेगा आपकी बात

कई बार तमाम कोशिश और मेहनत के बावजूद भी सफलता नहीं मिलती। यही नहीं आस पास के लोग उसकी बात को तवज्जों भी नहीं देते। अगर आप भी उनमें से एक है, जो सही होने बाद ही अपने मन मुताबिक काम नहीं करवा पाता है तो आपको सिर्फ एक बोलना होगा, जिसका असर आप कुछ ही दिनों में देखने भी लगेंगे। इसकी ताकत से हर कोई आपकी बात मानने लगेगा। ये भी पढ़ें- इस मंत्र को बोलने से पहले आपको कुछ सामान की जरूरत पड़ेगी। एक मुट्ठी नमक, चंदन, सफेद मोमबत्ती, सफेद कपड़ा और एक सुपारी लेकर दक्षिण दिशा की तरपु मुंह करके जमीन पर बैठ जाएं। अब मोमबत्ती को जलाएं और अपने माथे पर और सफेद कपड़े पर चंदन से तिलक करें। अब सुपारी को अपने हाथों से पकड़कर यहां दिए मंत्र को 131 बार पढ़ें।  ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य दर्शयों भवामि

इन 3 वजहों से होता है डिप्रेशन, छुटकारा पाने के लिए सूर्योदय के समय करें ये काम

कहा जाता है अधिक तनाव के तनाव के कारण व्यक्ति अवसद यानी ‌डिप्रशेन का शिकार हो जाता है, वो काफी हद तक सही भी है। की माने तो डिप्रेशन तीन कारणों की वजह से होता है, जिसकी वजह से वो परेशान रहने लगता है। आगे चलकर यही परेशानी बढ़ जाती है, जिसके बाद उसे डॉक्टर्स और दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है।  ये भी पढ़ें-  अगर आपके आस पास भी कोई व्यक्ति इस अवस्‍था में दिख रहा है तो तुरंत ये उपाय करें और उसमे आत्मविश्वास जगाने की कोशिश करें। ज्योतिशास्‍त्र के कारण पितृदोष, पूर्व जन्म के कर्म और ग्रहों के गोचर के कारण्‍ा भी अवसाद हो सकता है। जानें कैसे इनकी वजह से होती हैं परेशानियों और निजात पाने के लिए जानें उपाय माना गया है पूर्वजों के कर्मो का लेखा जोखा आने वाली पीढ़ी का उठाना पड़ता है और यहीं पितृ दोष के रूप में उनकी कुंडली में दिखाई देता है। वैसे मेडिकल साइंस में इसे वंशानुगत रोग की संज्ञा दी जाती है। जन्म कुंडली में पितृ दोष पंचम भाव से देखा जाता है। यदि पंचम भाव या पंचदेश राहु या शनि से पी‌ड़ित हो या फिर सूर्य व चंद्रमा, लग्नेश शनि या राहु से पीड़ित हो तो व्यक्ति को पितृ दोष होता है। ऐसे में व्यक्ति पारिवारिक परेशानियों से घिरा रहता है। उपायः पितृदोष की शांति हेतु त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण बलि कर्म, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एक अच्छा उपाय है। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए पिंडदान करना चाहिए। ज्योतिषशास्‍त्र के अनुसार व्यक्ति को उनके पूर्व जन्म के कर्म का फल इस जन्म में भुगतना पड़ता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा शनि या राहु द्वारा पी‌ड़ित व्यक्ति या ग्रहण दोष से पी‌‌ड़ित व्यक्ति डिप्रेशन में आ जाता है।

रोज बोलें सिर्फ ये 4 शब्द, कभी कमजोर नहीं होगी आपकी याददाश्त

आज की बिजी लाइफ में लोग छोटी छोटी बातों को जल्दी ही भूल जाते हैं। काम का प्रेशर, घर की टेंशन और न जाने कितनी बातों के बीच कुछ दिन पुरानी या कभी कभी तो कुछ मिनटों पहले की ही बात भूल जाते हैं। इसी वजह से लोगों ने अपनी रोजमर्रा की आदतों में बादाम खाना शुमार कर लिया है, जिससे उनकी याददाश्त समय के साथ बरकरार रहें। माना जाता है कि रोज सुबह शाम भीगे बादाम खाने से याददाश्त बरकरार रहती है। में ऐसे कई तरीके बताए गए जो बादाम से भी ज्यादा कारगर है। ऐसे ही है ये 4 शब्‍द, जिन्हें रोज बोलने से याददाश्त अच्छी हो जाती है और आप बादाम खाना भूल जाएंगे। ये भी पढ़ें- इन 4 शब्दों को सुनने मात्र से ही बुद्धि तेज हो जाती है। इस मंत्र को बोलने से पहले उत्तर दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्‍थापित करें। मां सरस्वती की तस्वीर के सामने सामने घी का दीया जलाकर सफेद फूल अर्पित करें। ये भी पढ़ें-  इसके बाद आपको ऊं ऐ ऐ नमः मंत्र बोलना है। इस मंत्र को पूरे मन से बोलें और इस दौरान अपने मन में कोई दूसरे विचार न लाएं। ध्यान रहें कि इस मंत्र को 21 दिनों तक बोलना है और इतने दिनों तक आपको ब्रह्मचार्य की पालना करना है। 22 वें दिन सात कन्याओं को खीर का प्रसाद दें।

नदियों की गहराई में मिलता है ये पत्‍थर, धारण करने से छूमंतर हो जाती है टेंशन 

आमतौर पर लोग नौ को ही जानते हैं और उसी को धारण भी करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ‌कि कुछ ऐसे भी है जो मानसिक तनाव को दूर कर देता है। इस रत्न के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है। इन्हीं में से एक है हकीक रत्न, जो कि गोदावरी और नर्मदा नदी के तल में पाया जाता है।  कई तरह के रंगों में मिलने वाला हकीक काफी लाभदायक होता है। जबकि कुछ भी हैं, जिनके बारे मे बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है।  ये भी पढ़ें- अगर आप तनाव ग्रस्त रहते हैं तो आपको सफेद रंग का हकीक का उपयोग करना चाहिए। शनि देवता को प्रसन्‍न करने के लिए नीले रंग के हकीक का इस्तेमाल किया जाता है।

बालों के झड़ने से हैं परेशान, दिन में 2 बार कुछ सेकेंड के लिए करें ये योग

अधिक पॉल्यूशन का असर बालों पर भी होने लगा है। बाल झड़ना, सफेद और रूखे होना आम बात हो गई है। इससे बचने के लिए ही रोज नए शैम्पू, तेल, आदि का उपयोग करते है, लेकिन फायदा कुछ नहीं। अगर आप भी अपने बाल झड़ने से परेशान रहते हैं तो बालायाम योग आपकी मदद कर सकता है। ये न तो अधिक खर्चीला है और न ही नुकसानदायक।और एक्यूप्रेशर पर आधारित इस योग का मतलब है बालों का । ये भी पढ़ें- बालायोग योग करने के लिए दोनों हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़े, लेकिन इसे हर समय न करें। सुबह के नाश्ते से पहले और रात के खाने से 10 मिनट पहले इस योग का अभ्यास करें। दोनों हाथों के नाखूनों को रगड़ने से स्काल्प तक रक्त संचार तेज होता है जिससे बालों संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस योग को करीब तीन महीने पर लगातार करें। इससे बालों का गिरना, समय से पहले सफेद होना आदि समस्याओं से निजात मिल जाता है।

Janmashtami 2017: आज से शुरू करें व्रत रखना, होंगे कई फायदे

हिन्‍दू धर्म में किसी भी त्यौहार आदि पर व्रत रखने की परंपरा है। आने वाली ‌ है और इस दिन बच्चे से लेकर बूढ़े तक पूरे दिन उपवास रखते हैं। अगर आप अभी तक कोई भी उपवास नहीं रख रहे हैं तो इस जन्माष्टमी से व्रत रखना शुरू कर दीजिए, इससे आपको ही फायदा होगा। स्वस्‍थ रहने के लिए अच्छा भोजन जरूरी होता है। अच्छा भोजन शरीर को पर्याप्त ऊर्जा दे देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उपवास यानी व्रत रखना एक अच्छे भोजन से ज्‍यादा अच्छा होता है। आध्यात्मविदों का मानना है कि ठोस भोजन ज्यादा से ज्यादा शरीर को ऊर्जा ही दे सकता है, लेकिन असली पोषण को ईथर से ही मिलता है। ईथर मतलब चारों और फैला आकाश और उसमें व्याप्त विद्युत तरंगें। ये भी पढ़ें- इसी वजह से सभी धर्मो में उपवास का काफी महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे शरीर, मन, चेतना का परिमार्जन होता है और सूक्ष्म शक्तियों के सानिधय में पहुंचता है। बीमार होने पर उपवास को सबसे अच्छा इलाज माना गया है। वास्तव में अच्छे स्वास्‍थ्य और लंबी उम्र के लिए सबसे असरदार अमृत साबित हो सकता है।

सुबह उठते ही 2 क्षण के लिए करें ये उपाय, कभी नहीं रहेंगे परेशान

जीवित रहने के लिए जितना जरूरी भोजन और श्वास है, उतना ही जरूरी प्राण ऊर्जा भी है। भोजन के बिना फिर भी कुछ दिन और श्वास के बिना कुछ पल जीवित रहे जाएं, लेकिन प्राण ऊर्जा के बिना एक सेकेंड भी जिंदा रहना मुश्किल होता है। प्राण ऊर्जा नाड़ियों से प्रवाहित होती है और शरीर में सैकड़ों नाड़ियां होती है, जिसका सही रहना काफी जरूरी होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इतनी सारी नाड़ियों को स्वस्‍थ रखना शायद नामुकिन हो, लेकिन आप 2 क्षण में इनको स्वस्‍थ रख सकते हैं। स्वर विज्ञान के अनुसार सैकड़ों नाड़ियों में तीन नाड़ी इडा, पिंगला और सुशुमना मुख्य होती है। इडा बायीं नासिका छिद्र में होती है और पिंगला दायीं नासिका छिद्र में होती है। अगर श्वास दायीं नासिका छिद्र में चलती है तो प्राण ऊर्जा पिंगला नाड़ी में बहती है और इसे सूर्य स्वर भी कहा जाता है। वहीं जब श्वास बायी नासिका छिद्र में चलती है तो प्राण ऊर्जा इड़ा नाड़ी में चलती है और इसे चंद्र स्वर कहते हैं। चंद्र शीतलता और सूर्य स्वर गर्मी प्रदान करता है और ये बदलते रहते हैं। वहीं जब श्वास दोनों नाड़ियों से चल रही हो तो प्राण ऊजा्र सुशुमना नाड़ी से प्रवाहित होती है। सुबह जब नींद खुले तो सबसे पहले अपना स्वर चैक करें। स्वर चैक करने के लिए नासिका के एक छिद्र के आगे उंगुली रखें। अगर सूर्य स्वर चल रहा हो तो दाएं हाथ को देखें और इसी तरफ वाले गाल रगड़े। वहीं अगर चंद्र स्वर चल रहा हो तो बाएं हाथ को देखें और इसी तरफ वाला गाल रगड़ें। इसी तरह जिस तरफ वाला आपका स्वर चल रहा हो तो बिस्तर छोड़ते समय उस तरफ वाला पैर सबसे पहले जमीन पर रखें। वैसे तिथि के अनुसार भी स्वर को नियंत्रित किया जा सकता है। किसी भी प्रयोग को 21 दिन तक लगातार करना चाहिए। इस तरीके से न ही कभी आपको श्वास से संबंधित कोई बीमारी होगी और न ही कोई तनाव। 

सुबह उठते ही बोलें ये एक मंत्र, पैसों की होने लगेगी बारिश

व्यक्ति की आर्थिक‌ ‌स्थिति कैसी होगी, ये निर्भर करता है उसकी पर। में सूर्य की दशा व्यक्ति की आर्थिक दशा को प्रभावित करती है। अगर सूर्य ग्रह मजबूत हो तो व्यक्ति का भाग्य भी मजबूत होता है। वहीं में सूर्य की दशा डावाडोल होते ही भाग्य भी उनके साथ खेल खेलने लग जाता है। अगर आपको भी लग रहा है कि आपकीमें सूर्य की दशा खराब चल रही है तो आपको सुबह उठते ही एक छोटा सा मंत्र बोलना है। फिर देखिए चमत्कार कुंडली में सूर्य ग्रह के मजबूत होने से व्यक्ति को हर चीज मिलती है। यही नहीं उसकी थोड़ी से कोशिश से भी उसे सफलता मिल जाती है। सुबह उठते ही सूर्य देव को जल अर्पित करें। अगर आप रोज ये काम करे रहे हैं तो आज से ही उस जल में लाल गुलाब का फूल, सिंदूर और गुड़ भी डाल दें। सूर्य देव को जल अर्पित करते समय एक मंत्र बोल ऊॅं सूर्याय नमः का जाप करें। इस मंत्र को 11 बार बोलें। सूर्यदेव को गुड़ का भोग लगाना न भूलें। इसके बाद गुड़ को रोटी में डालकर गाय को भी जरूर खिलाएं।

बस 2 मिनट करें ये एक ध्यान,देखते ही देखते सुलझ जाएगी आपकी सारी परेशानी

ऑफिस, कॉलेज आदि जाने की जल्दी में आज लोगों के पास इतना भी समय नहीं बचता है कि रूककर कुछ मिनट का लगा पाएं। देवी देवताओं को भी मन ये याद करने का समय नहीं निकाल पाते। इसके बाद वे अंदर ही अंदर कई परेशानियों से लड़ते तो हैं, लेकिन उसका समाधान नहीं निकाल पाते। यहां आपको एक ऐसा ध्यान बता रहे हैं जो जिसे आप अपने बैड पर या बस में कहीं भी कर सकते हैं। ये ध्यान आपको सभी परेशानियों से भी बाहर निकाल लेगा।  जब आप सुबह सोकर उठे तो अपने बेड पर 2 मिनट आंख बंद करके बैठ जाएं। हाथों को क्रॉस कर लें और अपने गुरु को याद करें। आपका पिछला दिन अच्छा बनाने के लिए शुक्रिया अदा करें और वर्तमान दिन भी अच्छा रहें। ऐसी प्रार्थना करें। जब आप बेड से उतरकर पानी पीने जाएं या ब्रश करने जाएं तब अपने शरीर को हल्का फुल्का जरूर हिलाएं। इससे आपको मानसिक रूप से भी आराम मिलेगा। नहाने के बाद जब आप कहीं जाने के लिए तैयार हो जाएं तो घर के निकलते समय दो मिनट के लिए सिर्फ दो मिनट के लिए पूजा घर जरूर जाएं और वहां पर परिवार के लिए देवी देवाताओं से प्रार्थना करें। कार, बस, ट्रेन जिस भी साधन से आप अपनी जगह पर जा रहे हैं उसी में कुछ मिनट में लिए अपनी आंखें बंद करके मंथन करें। कई बार इसी मंथन में व्यक्ति को अपनी किसी बड़ी परेशानी का भी समाधान मिल जाता है।