को भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन शुरू होगा जो इस बार 25 अगस्त को पड़ रहा है। इसी दिन 58 वर्षों के बाद एक विशेष संयोग भी बन रहा है। जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी और अधिक खास हो गई है।
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इस बार की गणेश चतुर्थी खास है क्योंकि जिस दिन गणेश चतुर्थी है उसी दिन शनि अपनी सीधी चाल चलेंगे। न्यायाधिपति शनिदेव 25 अगस्त की शाम 5 बजकर 19 मिनट पर वृश्चिक राशि में मार्गीय हो रहे हैं। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से सभी राशियों के लोगों पर खूब कृपा बरसेगी।
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इससे पहले गणेश स्थापना के समय शनिदेव 1959 में इसी दिन मार्गीय हुए थे ।इस बार वृश्चिक राशि में 141 दिन वक्रीय होने के बाद शनि देव 25 अगस्त से मार्गीय हो रहे हैं।
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इस बार गणेश उत्सव 25 अगस्त से 5 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस बार गणपति का 11वें दिन विसर्जन होगा। हस्त नक्षत्र में रवि योग, गज केसरी योग बनने से भक्तों के लिए यह विशेष फलदायी रहेगा।
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ऐसा संयोग होने से इस दिन भगवान गणेश के साथ शनिदेव की पूजा करने से उनके प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी।