भारतीय के अनुसार पंचक को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है जिसे हमें भूल कर भी नहीं करनी चाहिए। इसमें धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र होते हैं। इस बार मंगलवार की शाम 4.32 से पंचक शुरू होगा जो 13 अगस्त की रविवार की सुबह 5.12 तक रहेगा।
- ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों में शुभ कार्य करना सही माना जाता है वहीं कुछ नक्षत्र ऐसे भी होते हैं जिन्हें बेहद अशुभ माना जाता है।धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद एवं रेवती कुछ ऐसे ही अशुभ नक्षत्रों के नाम है, जिन्हें काफी अशुभ माना जाता है।
- ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों में शुभ कार्य करना सही माना जाता है वहीं कुछ नक्षत्र ऐसे भी होते हैं जिन्हें बेहद अशुभ माना जाता है।धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद एवं रेवती कुछ ऐसे ही अशुभ नक्षत्रों के नाम है, जिन्हें काफी अशुभ माना जाता है।
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पंचक में 5 काम नहीं करना चाहिए
1 पंचक में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं माना जाता।ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
2. पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।
3. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है।
4. पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए।
5. पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए।
1 पंचक में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं माना जाता।ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
2. पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।
3. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है।
4. पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए।
5. पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए।