धर्मग्रंथों के अनुसार को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वीद प्राप्त करने के लिए प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है। 5 अगस्त को शनिवार है और इसी दिन प्रदोष व्रत है। सावन के महीने में शनि प्रदोष को काफी शुभ माना जाता है इस दिन कुछ विशेष पूजा-पाठ करने से महादेव के साथकी भी  कृपा मिलती है।





शनि प्रदोष के दिन शिवालयों पर जाकर शिवलिंग पर बिल्वपत्रों पर लाल चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाए। ऐसा करने आप पर भगवान शिव की कृपा मिलेगी।





शनि प्रदोष के दिन जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए किसी गाय को रोटी और हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से जीवन में परेशानियां कम होने लगती है।





शनि प्रदोष पर शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को तिल से मिला हुआ तेल चढ़ाए साथ ही एक काले कपड़ें में काले उड़द को बांध कर किसी नदी या कुएं में प्रवाहित करें।





अगर आपके ऊपर शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा है तो इस दिन सुबह और शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने शनि का प्रभाव आपकी कुंडली से कम होने लगता है।