यदि आपका वीजा नहीं बन पा रहा है तो निराश न होएं। जल्द ही आपका वीजा बन बनेगा, लेकिन इसके लिए आपको हैदराबाद जाना बनेगा। किसी सरकारी दफ्तर नहीं, बल्कि मंदिर। वीजा वाले बालाजी मं‌दिर में, जहां लोग वीजा बनने के लिए मन्नत मांगते हैं और इच्छा पूरी होने पर उनके चरणों में अपना वीजा अर्पित करते हैं। हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर ये मंदिर, ओसमान सागर लेक के तट पर चिल्कुर बालाजी मंदिर आ जाएं। इन्हें ही वीजा वाले बालाजी कहते हैं। इस मं‌दिर की स्‍थापत्य कला देखने लायक है, 500 वर्ष पुराना मंदिर जो है।

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जानकारों के मुताबिक प्राचीन काल में यहां भगवान वेंकटेश बालाजी के भक्त रहजे थे। अपने भगवान के लिए उनकी भक्ति देखने लायक थी। इसी वजह से हर वर्ष वे अपने घर से कोसों दूर तिरुमल बालाजी मंदिर आते थे भगवान के दर्शन करने। एक बार उनकी तबीयत खराब हो गई। तबीयत इतनी खराब थी कि वे अपने भगवान से मिलने मंदिर तक यात्रा नहीं कर सकते थे। ऐसे में भगवान बालाजी ने उनसे सपने में आकर आ कहा है मैं तो तुम्हारे पास के जंगल में रहता हूं और तुम मुझसे मिलने इतनी दूर आते हो। सुबह भक्त भगवान के बताए स्‍थान पर पहुंचा तो उसे वहां एक उभरी हुई जमीन दिखाई दी।





वहां पर खुदाई शुरू हुई। इसी में कुदाल बालाजी की मूर्ति पर लग गई और रक्त बहने लगा। रक्त बहते देख भक्त चिंतित हो गया। उसी वक्त आकाशवाणी हुई और कहा गया कि दुध से नहलाकर उसी जगह पर मूर्ति स्‍थापित की जाए। जब भक्त ने दुग्‍धा‌‌भिषेक किया तो उसी समय वहां पर श्रीदेवी और भूदेवी की प्रतिमा भी अवतरित हो गई। तभी से यहां पर तीनों की पूजा की जा रही है।

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इस मंदिर में लाखों भक्त आते हैं। जिनमें में अधिकतर अच्छी जॉब की मन्नत मांगते हैं। अधिकतर मंदिरों में तो माता पिता अपने बच्‍चों को ले जाते हैं, लेकिन इस मंदिर बच्चे अपने माता पिता को लेकर आते हैं और बालाजी की 11 परिक्रमा करके अपनी इच्छा जाहिर करते हैं। भक्त की जब इच्छा पूरी हो जाती है तो यहां आकर 108 बार परिक्रमा करता है।





यहां पर भक्त अपने बेहतर भविष्य के लिए वीजा बनवाने की अर्जियां भी लगाते हैं, जो लगभग पूर्ण भी हो जाती है। वैसे इस प्रकार एक ओर आस्‍थास्‍थल है, जहां विदेश जाने के लिए हवाई जहाज चढ़ाए जाते है। ये है  शहीद बाबा निहालसिंह गुरुद्वारा, जो पंजाब में है।