भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को व्रत किया जाता है और अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को ये व्रत पूरा होता है। गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद आने वाला ये पर्व 29 अगस्त से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलेगा। 29 अगस्त को महालक्ष्मी व्रत के साथ ही राधा अष्टमी भी है। इस दिन से का व्रत शुरू किया जाता है, जो करीब 15 से 16 दिन तक चलता है। इस व्रत को रखने से की कृपा मिलती है। इसमें की खास तस्वीर की पूजा की जाती है। जानिए पूजा करने का सही तरीका
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ऐसा माना जाता है कि इस दिन हाथी पर विराजित मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए। इस दिन चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की स्थापना करें।
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पूजा में मां लक्ष्मी के सामने श्रीयंत्र रखें और उन्हें खासतौर पर कमल का फूल अर्पित करें। इसके अलावा कमल का फूल, सोने चांदी और मिठाई अर्पित करें।
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इसके बाद धूप और घी के दीये के महालक्ष्मी की पूजा करके नैवेद्य या भोग लगाएं और आरती करें।
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महालक्ष्मी का व्रत 16 दिन पर रखा जाता है, लेकिन यदि आप किसी कारण से पूरे व्रत नहीं रख सकते तो कम से कम पहले दिन तो जरूर रखें।
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