योग का मतलब होता है संगठन, जुड़ना और उससे खुद को बांधना। अपने स्कूली दिनों से यहीं सीखा था अभिषेक ने, इसीलिए तो पोस्ट ग्रेजुशन एंट्रेम एग्जाम के परिणाम का इंतजार कर रहे अभिषेक ने इस बीच योग को सीखने का फैसला किया। बाकी लोगों की तरह उसने भी योग के बारे में सुना तो बहुत कुछ था। कभी दोस्तों के बीच तो कभी परिवार वालों से, इसीलिए उसने योगा क्लास खोजना शुरू किया और दोस्तों से क्लास के बारे में पूछना सही समझा।
उम्मीदों और उत्साह से भरे अभिषेक ने जब अपने दोस्तों से पूछा तो अपने दोस्तों के जवाब सुनकर वो निराश हो गया। किसी ने उसे हाथ योग क्लास को जॉइन करने की सलाह दी तो किसी ने युवाओं के लिए पावर योग को सही बताया। ये सब तो कुछ नहीं एक दोस्त का जवाब सुनकर तो आश्चर्य में पड़ गया।
उम्मीदों और उत्साह से भरे अभिषेक ने जब अपने दोस्तों से पूछा तो अपने दोस्तों के जवाब सुनकर वो निराश हो गया। किसी ने उसे हाथ योग क्लास को जॉइन करने की सलाह दी तो किसी ने युवाओं के लिए पावर योग को सही बताया। ये सब तो कुछ नहीं एक दोस्त का जवाब सुनकर तो आश्चर्य में पड़ गया।
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एक दोस्त ने तो यहां तक कह दिया कि टीवी से योग सीख लो, क्लास में जाकर पैसा बर्बाद मत करो। निराशा से भरे अभिषेक के ही एक दोस्त ने कहा कि वो अयंगर योग क्लास जाता है और अगर तुम योग सीखना चाहते हो तो इससे अच्छा विकल्प नहीं है।
दोस्तों के ऐसे जवाब सुनकर चकराए अभिषेक ने खुद ही क्लास खोजने का फैसला लिया और दोस्तों से आखिरी बार पूछ ही लिया कि चलो ये तो बता दो कि आखिर तुम लोग क्लास में जाकर करते क्या हो? इस पर भी दोस्तों का जवाब सुनकर अभिषेक उलझ गया। दोस्त ने कहा कि वो वहां जाकर चुपचाप बैठ जाता है और ध्यान करता है। कई बार तो सो भी जाता है। हैरान भाव के अभिषेक ने पूछा कि वर्कआउट करते हुए सोना कैसे संभव है?
दोस्तों के ऐसे जवाब सुनकर चकराए अभिषेक ने खुद ही क्लास खोजने का फैसला लिया और दोस्तों से आखिरी बार पूछ ही लिया कि चलो ये तो बता दो कि आखिर तुम लोग क्लास में जाकर करते क्या हो? इस पर भी दोस्तों का जवाब सुनकर अभिषेक उलझ गया। दोस्त ने कहा कि वो वहां जाकर चुपचाप बैठ जाता है और ध्यान करता है। कई बार तो सो भी जाता है। हैरान भाव के अभिषेक ने पूछा कि वर्कआउट करते हुए सोना कैसे संभव है?
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दोस्त ने उसकी जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा कि वे लोग कई तरह की क्रियाएं करते हैं। वातानुकूलित कमरे में बैठते हैं और 40 डिग्री में वर्कआउट करने से कैलोरी को कम करते हैं। पूरे दिन क्लास में क्या किया, वे सब नोट करते हैं। जिससे कि अगले दिन गलती को न दोहराएं। दोस्त ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि वैसे कुछ दिन पहले एक न्यूजपेपर में आया था कि योग आपकी गर्दन को चोटिल भी कर सकता है, इसीलिए जिम जाना सही रहता है। इतनी बातें सुनकर तो अभिषेक और अधिक उलझ गया, इस बात को लेकर की आखिर योग क्या है? कभी दोस्त बोलते हैं योग में चुपचाप बैठना होता है तो कभी बोलते हैं वर्क आउट। अभिषेक में मन में सवालों का तूफान आ गया। इसीलिए इसे शांत करने के लिए उसने इस पर रिचर्स करना शुरू किया।
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संयोग से उस दिन योग गुरु बीकेएस अयंगर की तीसरी पुण्यतिथि थी और कुछ दिन पहले ही दैनिक अखबार अमर उजाला ने उनके काम के बारे में एक अच्छा फीचर दिया था। इसके बाद अभिषेक ने अयंगर की किताबों के जरिए योग को समझकर अपनी यात्रा शुरू की। अभिषेक जैसे और भी बहुत लोग है जिन्होंने योग के बारे में सुना तो बहुत कुछ है, लेकिन ऐसी बातों को लेकर उलझन में पड़ जाते हैं। उन्हें इसी उलझन से निकालने के लिए योग जैसे प्राचीन विषय को गहराई से बताएंगे और आज की दुनिया में इसे खुद पर लागू करना भी।
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अयंगर योगाश्रय के राजवी एच मेहता का कहना है कि इतना कुछ पढ़ने- सुनने के बाद भी इस सवाल का जवाब जब हम ढूंढने जाते हैं, तो कन्फयूज हो जाते हैं। योग भारतीय दर्शन के छह प्रमुख सिस्टम में से एक है। माना जाता है इसकी शुरुआत मानव जाति की शुरुआत से ही हो गई थी। पीढ़ियों से यह ज्ञान गुरु से शिष्य को मिलता रहा है। बहुत से प्राचीन ग्रंथों में भी योग का जिक्र है। हालांकि योग को पूरी तरह से समर्पित पहली किताब योग दर्शन है। इसमें ऋषि पतंजलि ने योग प्रणाली को 195 सूत्रों या छोटे- छोटे छंदों में पिरोया।
माना जाता है कि यह ग्रंथ करीब 2500 साल पुराना है। योग में सांस की एक्साइज, ध्यान लगाने की कला आदि सीखते हैं। योग भारतीय दर्शनशास्त्र के छह सिस्टम में से ही एक है। आज के समय लोगों को योगा को लेकर कंफ्यूजन है। योग के आठ अंग होते हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारना, ध्यान और समाधि इन सभी का योग में अलग अलग मतलब होते हैं। इन सभी के बारे में गहराई से आप हमारे साप्ताहिक कॉलम के जरिए जान सकते हैं।
माना जाता है कि यह ग्रंथ करीब 2500 साल पुराना है। योग में सांस की एक्साइज, ध्यान लगाने की कला आदि सीखते हैं। योग भारतीय दर्शनशास्त्र के छह सिस्टम में से ही एक है। आज के समय लोगों को योगा को लेकर कंफ्यूजन है। योग के आठ अंग होते हैं। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारना, ध्यान और समाधि इन सभी का योग में अलग अलग मतलब होते हैं। इन सभी के बारे में गहराई से आप हमारे साप्ताहिक कॉलम के जरिए जान सकते हैं।