हमारे बीच में से कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें नकारात्मक अधिक प्रभावित करती है। जिन्हें नकारात्मक का अहसास जल्दी हो जाता है और उन्हीं में से कुछ उनकी गिरफ्त में भी आ जाते है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका नकारात्मक बाल भी बाकां नहीं कर पाती है, लेकिन ऐसा क्यों? जानिए इसके पीछे का र‌हस्य





जिन लोगों की कुंडली के दशम भाव का स्वामी अष्टम भाव में या एकादश भाव में हो तो और संबंधित भाव के स्वामी से नजर भी हो तो ऐसे लोग नकारात्मक शक्तियों की गिरफ्त में जल्दी आते हैं।





व्यक्ति की कुंडली के पहले भाव में चंद्र के साथ राहु हो या फिर पंचम भाव और नवम भाव में क्रूर ग्रह हो तो नकारात्मक शक्तियां इन्हें अधिक परेशान करती है।





अगर कुंडली में शनि, राहु, केतु या मंगल की दशा खराब  होती हैं तो नकारात्मक शक्तियां आपको परेशान करने लगती है।





जो इन शक्तियों के बारे में अधिक सोचता है और उसे मन में इनको लेकर हमेशा एक डर रहता है। ऐसे लोगों पर ये शक्तियां जल्दी हावी होती है।