पूरे देश में आज धूमधाम से मनाई जा रही गणेश चतुर्थी, देखें तस्वीरें

देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्मदिन आज गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है। देश के कई जगहो पर बप्पा की मू्र्ति की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ने देश वासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी है। आइए दर्शन करते है देश के अलग- अलग जगहों के बप्पा के। पढ़े- पुणे के एक प्रसिद्घ गणेश मंदिर की तस्वीर जहां पर भक्त गणेशजी की पूजा में रमे हुए है। नागपुर के गणेश मंदिर की बप्पा की तस्वीर जहां पर भक्त भगवान गणेशजी पूजा में लीन हैं। मुंबई के मशहूर गणेश मंदिर लाल बागचा मंदिर की तस्वीर जहां पर दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है।  दर्शन कीजिए मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर का जहां पर भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है।

गणेश चतुर्थी आज: पूजा के लिए होंगे 2 घंटे 33 मिनट, इस तरह गणपति की करें स्‍थापना

देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्मदिन आज गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है। 10 दिन तक चलने वाले इस पर्व को गणशोत्सव या भी कहा जाता है। गणेशोत्सव के दिन लोग घरों में भगवान गणेश को स्‍थापित करते हैं और 10वें दिन यानी अनंत चतुदर्शी के दिन विर्सजन किया जाता है। इस बार ये पर्व 25 अगस्त से 5 सितंबर तक चलेगा।  ये भी पढ़ें- भाद्र पद में आने वाला ये पर्व इस बार काफी शुभ है, क्योंकि इस बार ये पर्व हस्त नक्षत्र में पड़ रहा है, जिसे काफी शुभ माना जाता है। बप्पा को घर लाने, स्‍थापना करने और उनकी पूजा करने के लिए भक्तों के पास मध्यान्ह के 2 घंटे 33 मिनट होंगे। गणपति का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था, इसीलिए इसी काल में पूजा करना शुभ माना जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.

हरितालिका तीज: ‌शिवजी को आज जरूर अर्पित करें इस तरह के कपड़े, पूरी होती है हर मनोकामना

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस बार यह तीज 24 अगस्त यानि गुरूवार के दिन मनाई जाएगी। इस व्रत को तीजा भी कहते है। विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती है और अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए भी इस व्रत को रखती है। पढ़ें- शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने इस व्रत को रखा था, इसलिए इस व्रत का महत्व बढ़ जाता है। तब पार्वती जी के तप और आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। हरतालिका तीज में महिलाएं पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत का पालन करती है और व्रत के अगले दिन जल ग्रहण करती है। हरितालिका व्रत के दिन रात को महिलाएं जागती है और भजन-कीर्तन करती है। पढ़ें- तीज के दिन महिलाएं बिना कुछ खाए-पीए रहती है। इस व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा की जाती है।  इस व्रत में सुहाग की डिब्बी में सुहाग की सभी चीजों को रखकर माता पार्वती को अर्पित करना चाहिए वहीं शिवजी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। पूजा के बाद महिलाएं अपने बड़े-बुजुर्गो का आशीर्वीद प्राप्त करती हैं।

58 साल बाद गणेश चतुर्थी पर बन रहा विशेष संयोग, शनिदेव हो रहें हैं मार्गी

को भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन शुरू होगा जो इस बार 25 अगस्त को पड़ रहा है। इसी दिन 58 वर्षों के बाद एक विशेष संयोग भी बन रहा है। जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी और अधिक खास हो गई है। पढ़ें-  इस बार की गणेश चतुर्थी खास है क्योंकि जिस दिन गणेश चतुर्थी है उसी दिन शनि अपनी सीधी चाल चलेंगे। न्यायाधिपति शनिदेव 25 अगस्त की शाम 5 बजकर 19 मिनट पर वृश्चिक राशि में मार्गीय हो रहे हैं। इस दिन शन‌िदेव की पूजा करने से सभी राश‌ियों के लोगों पर खूब कृपा बरसेगी। इससे पहले गणेश स्थापना के समय शनिदेव 1959 में इसी दिन मार्गीय हुए थे ।इस बार वृश्चिक राशि में 141 दिन वक्रीय होने के बाद शनि देव 25 अगस्त से मार्गीय हो रहे हैं। पढ़ें-  इस बार गणेश उत्सव 25 अगस्त से 5 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस बार गणपति का 11वें दिन विसर्जन होगा। हस्त नक्षत्र में रवि योग, गज केसरी योग बनने से भक्तों के लिए यह विशेष फलदायी रहेगा।  ऐसा संयोग होने से इस दिन भगवान गणेश के साथ शनिदेव की पूजा करने से उनके प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी। 

गणेश चतुर्थी के दिन नहीं करना चाहिए चांद का दर्शन, इस दिन चंद्रदेव को मिला था श्राप

25 अगस्त को गणेश चतुर्थी है और इसके साथ ही 10 दिनों तक गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। शास्त्रों में गणेश चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन करने की मनाही है। भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। पढ़ें- एक बार गणेश जी को चंद्रलोक से भोज का आमंत्रण आया। गणेश जी को मोदक खाना बहुत पंसद होता है इसलिए उनका ध्यान मोदक पर ही था। गणेश जी ने वहां जी भर कर मोदक खाए और वापस लौटते समय बहुत से मोदक साथ भी ले आए। मोदक बहुत ज्यादा थे, जो उनसे संभाले नहीं गए। उनके हाथ से मोदक गिर गए, जिसे देखकर चंद्र देव अपनी हंसी नहीं रोक पाए। चंद्रदेव को हंसता देख गणेश जी गुस्से में आ गए । क्रोध में आकर उन्होंने चंद्रदेव को श्राप दे दिया कि जो भी उन्हें देखेगा उस पर चोरी का कलंक लग जाएगा। साथ ही चंद्रमा को श्राप दे दिया कि आज से तुम काले हो जाओगे।तब से ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन जो भी कोई चांद के दर्शन करेगा उस पर झूठा आरोप लगेगा। इसलिए भादों महीने की शुक्ल चतुर्थी को चांद के दर्शन नहीं करना चाहिए।

भगवान गणेश की पूजा में इस वजह से चढ़ाई जाती है दूर्वा, राक्षस से जुड़ा है रहस्य

25 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत होने जा रही है जो इस बार 10 दिनों के बजाए 11 दिन तक चलेगी। के अवसर पर गणेशजी की पूजा का विशेष महत्व होता है। गणेशजी की पूजा में कई चीजें चढ़ाई जाती है जिसमें दूर्वा का विशेष महत्व होता है। इसके बिना गणेश जी की पूजा अधूरी समझी जाती है। भगवान गणेश को तो दूर्वा काफी प्रिय होती है, लेकिन तुलसी को इनकी पूजा में प्रयोग करने की मनाही होती है। आइए जानते है इसके पीछे का रहस्य। पढ़ें- पुराणो के अनुसार एक असुर रहा करता था जिसका नाम अनलासुर था। जिसने स्वर्ग और पृथ्वी पर सभी को परेशान करता था। वह ऋषि-मुनियों,देवताओं और आम लोगों को जिंदा ही खा जाया करता था। तब सभी देवता इस राक्षस के सर्वनाश के लिए महादेव के पास प्रार्थना करने के लिए कैलाश पर्वत जा पहुंचे। तब शिवजी ने सभी देवी-देवताओं की बात सु्नकर कहा कि अनलासुर का अंत केवल गणेश ही कर सकते हैं। इसके बाद भगवान गणेश ने अनलासुर को निगल लिया जिसकी वजह से उनकी पेट में जलन होने लगी जो शांत नहीं हो पा रही थी। तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर गणेश जी को खाने को दी। तब जाकर उनकी पेट की जलन शांत हो गई। तभी से गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

27 अगस्त को मंगल बदलेगा अपनी चाल, ये 6 राशि वाले होंगे मालामाल

27 अगस्त को मंगल का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। कर्क राशि से बदलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। 27 अगस्त 2017 को सुबह 08:51 बजे मंगल सिंह राशि में गोचर करेंगे और 13 अक्टूबर 2017 को शाम 04:25 बजे तक इसी राशि में स्थित होंगे। मंगल को क्रूर ग्रह माना जाता है स्वभाव से मंगल में क्रोध का भाव रहता है। यह ऊर्जा और युद्ध का प्रतीक होता है। आइए जानते है मंगल का राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा। पढ़ें- मेष- मंगल का परिवर्तन इस राशि में 5वें भाव में हो रहा है । मंगल का निन्न राशि कर्क से उच्च राशि सिंह में आने से इस राशि के जातको के लिए शुभ संकेत के आसार बन रहा है। पारिवारिक मामले की परेशानी खत्म होगी। नए घर का योग बन सकता है। जो लोग अपने वर्तमान कार्यक्षेत्र को बदलना चाहते है उनके लिए यह समय अच्छा हो सकता है। धन लाभ के प्रबल संकेत है। वृष- मंगल अपने पराक्रम भाव को छोड़कर सुख के भाव में प्रवेश कर रहे हैं। जिसके कारण इस राशि के जातको को सकारात्मक परिणाम मिल सकता है। यदि इस समय कोई व्यसाय शुरू करना चाहता है यह उसके लिए शुभ समय है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के संकेत है।  मिथुन- मंगल का यह परिवर्तन तीसरे भाव में हो रहा है जो आपके पराक्रम का स्थान को बताता है। इन राशि के जातको के लिए आने वाला समय में काफी कुछ शुभ-शुभ होने के संकेत मिले सकते है। इस दौरान विदेश यात्रा का योग बन रहा है। कर्क- मंगल का यह परिवर्तन धन भाव में होने से इस राशि के जातको को धन प्राप्ति के योग बनने के संकेत साफ है। यह परिवर्तन वाद-विवाद का कारण बन सकता है कुल मिलाकर इस स्थान बदलाव से मिलेजुले परिणाम देखने को मिल सकता है। सिंह- मंगल नीच राशि को छोड़कर सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस समय यह आपके लगभग सारे काम में आने वाली रुकावट को दूर कर देगा। सरकारी क्षेत्र में लाभ मिलने के प्रबल संकेत है। कन्या- मंगल आपकी राशि में 12वें स्थान में प्रवेश करेंगे। यह परिवर्तन आपकी राशि के लिए शुभ नहीं है। बीमारी या फिर किसी दुर्घटना का संकेत यह परिवर्तन साफ तौर पर दिख रहा है संभल कर रहने की आवश्कता है।  तुला- मंगल का इस राशि में परिवर्तन लाभ वाले योग में हो रहा है जिससे इस राशि वालों के लिए धन प्राप्ति के योग बनेगा। इसके साथ यह आपके यश में भी वृद्धि करेगा। वृश्चिक- मंगल इस राशि के 10वें स्थान में अपना प्रवेश कर रहे हैं जोकि कर्मक्षेत्र का सूचक है। जिससे आपका प्रमोशन होने का योग है। कर्मक्षेत्र होने के कारण करियर में जोश और जुनून आपको सफलता की सबसे ऊपरी मंजिल तक ले जाएगा। इस राशि वालों के लिए भविष्य में पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी। धनु- मंगल का यह परिवर्तन आपके जीवन में अच्छे परिणाम लाने की ओर संकेत कर रहा है। उच्च शिक्षा के लिए आप विदेश में अध्ययन करने की योजना बना सकते हैं। लंबी दूरी की यात्रा आपके लिए लाभकारी साबित होगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। मकर- मंगल का आपकी राशि में 8वें भाव में प्रवेश कर रहा है जिसके कारण यह परिवर्तन इस राशि वालों के लिए ज्यादा खास उत्साहजनक नहीं है। कार्यक्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि के साथ आपके साथ कोई दुर्घटना घट सकती है। कुंभ- कुंभ राशि के जातको के लिए मंगल का प्रवेश सातवें भाव में हो रहा है।इस दौरान नौकरी में आपकी पदोन्नति की प्रबल संभावना है। वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से किसी बात पर मनुमटाव हो सकता है। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें और बहसबाज़ी के चक्कर में न पड़ें। मीन- मंगल आपकी राशि में 6वें भाव में अपना स्थान बदल रहा है। जिसके कारण आपको सफलता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।यदि व्यवसाय में पैसे की दिक्कत सामने आ रही है तो इस समय मंगल के प्रभाव से आपको कर्ज मिल सकता है। साथ ही किसी पुराने कर्ज के बढ़ने की संभावना भी बन सकती है।

भूलकर भी न मारें गणेश जी के वाहन को, नकारात्मक शक्तियों से जुड़ा है रहस्य

की सवारी चूहा है, जिसकी भगवान के साथ पूजा की जाती है, लेकिन अगर यही चूहे घर में दिखने लग जाएं तो लोग परेशान हो जाते हैं। घर की चीजों को काटकर बर्बाद करना आदि की वजह से लोग इन्हें अपने घर में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते। जैसे ही चूहे घर में घूमते दिखाई देने लगे, बस हर जगह दवाई डालकर या उन्हें मार देते हैं। आपने भी शायद ऐसा जरूर किया होगा। अगर हां तो आज से भी चूहों को मारना बंद कर दें, नहीं तो इसका बुरा प्रभाव आपकी जिंदगी पर धीरे धीरे दिखने लगेगा।  ये भी पढ़ें- चूहों को मारने की बजाय उन्हें भगाने की कोशिश करें। चूहें भगवान गणेश का वाहन है सिर्फ इसीलिए ही मारना अशुभ नहीं होता। इसके पीछे दूसरी ताकतों का भी राज है। चूहे बिल में रहते हैं, जहां सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा होता है। चूहे नकारात्मक शक्तियों का प्रतीक होते हैं और अंधेरें में रहने के कारण उनमें नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाता है। अगर अचानक ही घर में अधिक चूहे आने लगे, मतलब वहां नकारात्मक शक्तियां हावी हो रही है। ऐसे में आपको भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उनके वाहन यानी चूहे की हत्या करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आपको कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

11 दिनों तक‌ लगातार बोलें ये मंत्र, हर कोई मानने लगेगा आपकी बात

कई बार तमाम कोशिश और मेहनत के बावजूद भी सफलता नहीं मिलती। यही नहीं आस पास के लोग उसकी बात को तवज्जों भी नहीं देते। अगर आप भी उनमें से एक है, जो सही होने बाद ही अपने मन मुताबिक काम नहीं करवा पाता है तो आपको सिर्फ एक बोलना होगा, जिसका असर आप कुछ ही दिनों में देखने भी लगेंगे। इसकी ताकत से हर कोई आपकी बात मानने लगेगा। ये भी पढ़ें- इस मंत्र को बोलने से पहले आपको कुछ सामान की जरूरत पड़ेगी। एक मुट्ठी नमक, चंदन, सफेद मोमबत्ती, सफेद कपड़ा और एक सुपारी लेकर दक्षिण दिशा की तरपु मुंह करके जमीन पर बैठ जाएं। अब मोमबत्ती को जलाएं और अपने माथे पर और सफेद कपड़े पर चंदन से तिलक करें। अब सुपारी को अपने हाथों से पकड़कर यहां दिए मंत्र को 131 बार पढ़ें।  ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य दर्शयों भवामि