सूर्यग्रहण 2017: सूर्यग्रहण हुआ शुरू, जानिए क्या होगा इसका असर

सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। यह सूर्यग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 9.15 से शुरू हुआ जोकि रात के 2.34 मिनट तक चलेगा। करीब 99 साल के बाद ऐसा अवसर आएगा जब इस दिन अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई दे रहा है । इस खास खगोलीय घटना के लिए अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसके के लिए तैयारी कर ली है। नासा इस मौके पर इस घटना को पूरी दुनिया में लाइव प्रसारण हो रहा है। पढ़े- 21 अगस्त को होने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण का इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर कवर नहीं किया गया था। नासा ग्रहण के पहले और ग्रहण के दौरान सभी तस्वीरें एवं वीडियो का लाइव प्रसारण करेगा। इस दिन होने वाले सूर्य ग्रहण अमेरिका के सभी प्रमुख इलाकों में नजर आएगा। यह खगोलीय घटना युरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका,प्रशांत अटलांटिक के ज्यादातर हिस्सों में दिखाई देगा। जबकि भारत में सूर्य ग्रहण आंशिक रहेगा। भारत में इस सूर्य ग्रहण का कोई भी असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इस दौरान भारत में रात होगी। ग्रहण की कुल समय करीब 5 घंटे 18 मिनट रहेगा जबकि पूर्ण सूर्य ग्रहण का कुल अवधि 3 घंटे और 13 मिनट तक रहेगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण होता है। सूर्य ग्रहण के बाद लोग आस-पास के नदियों मे स्नान करते है साथ ही गरीबो को दान करते हैं। 1918 के बाद पहली बार ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिकी लोग इस घटना का गवाह बनेंगे। इस खास मौके के लिए नासा ने करीब 10 से ज्यादा स्पेसक्राप्ट, 3 एयरक्राफ्ट और 50 से ज्यादा एयर बैलून लगाकर इस खगोलीय घटना को कवर करेगा।

सूर्यग्रहणः आज रात 5 घंटें तक भूलकर भी न करें ये काम, जिंदगी पर लग सकता है 'ग्रहण'

दुनियाभर में आज को देखने को लेकर जितनी उत्सुकता बनी हुई है, उससे अधिक खौफ भी है, क्योंकि 99 साल बाद पूर्ण दिखाई देगा। जिसका असर भारत पर भी होगा। के कारण राशियों में उठा पटक होगी, जिसका असर लोगों की ‌निजी जिंदगी पर भी होगा। भारतीय समयानुसार रात 9.15 बजे शुरू होगा और 2.34 बजे तक रहेगा। इस समय बीच ऐसी कई चीजें है, जिसे करने से आपको बचना चाहिए। नहीं तो अब तक को सबसे बड़ा सूर्यग्रहण आपकी जिंदगी में ग्रहण लगा सकता है। ये भी पढ़ें- ऐसा माना जाता है कि जिस समय ग्रहण चल रहा है तो उस बाल और कपड़ों को भूलकर भी न धोएं। यानी रात में करीब 5 घंटें आपको इनके बारे में सोचना भी नहीं है। ज्यादातार लोग रात में भोजन करने के बाद ब्रश करते हैं। अगर आपमें भी ये आदत है तो आज के लिए इसका त्याग कर दीजिए। आज जितनी देर तक ग्रहण हो, उस समय ब्रश न करें।  ग्रहण की अवधि में न ही यात्रा करें और न ही पानी पीएं। साथ ही बाल की न बनाएं।

इन 3 वजहों से होता है डिप्रेशन, छुटकारा पाने के लिए सूर्योदय के समय करें ये काम

कहा जाता है अधिक तनाव के तनाव के कारण व्यक्ति अवसद यानी ‌डिप्रशेन का शिकार हो जाता है, वो काफी हद तक सही भी है। की माने तो डिप्रेशन तीन कारणों की वजह से होता है, जिसकी वजह से वो परेशान रहने लगता है। आगे चलकर यही परेशानी बढ़ जाती है, जिसके बाद उसे डॉक्टर्स और दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है।  ये भी पढ़ें-  अगर आपके आस पास भी कोई व्यक्ति इस अवस्‍था में दिख रहा है तो तुरंत ये उपाय करें और उसमे आत्मविश्वास जगाने की कोशिश करें। ज्योतिशास्‍त्र के कारण पितृदोष, पूर्व जन्म के कर्म और ग्रहों के गोचर के कारण्‍ा भी अवसाद हो सकता है। जानें कैसे इनकी वजह से होती हैं परेशानियों और निजात पाने के लिए जानें उपाय माना गया है पूर्वजों के कर्मो का लेखा जोखा आने वाली पीढ़ी का उठाना पड़ता है और यहीं पितृ दोष के रूप में उनकी कुंडली में दिखाई देता है। वैसे मेडिकल साइंस में इसे वंशानुगत रोग की संज्ञा दी जाती है। जन्म कुंडली में पितृ दोष पंचम भाव से देखा जाता है। यदि पंचम भाव या पंचदेश राहु या शनि से पी‌ड़ित हो या फिर सूर्य व चंद्रमा, लग्नेश शनि या राहु से पीड़ित हो तो व्यक्ति को पितृ दोष होता है। ऐसे में व्यक्ति पारिवारिक परेशानियों से घिरा रहता है। उपायः पितृदोष की शांति हेतु त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण बलि कर्म, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एक अच्छा उपाय है। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए पिंडदान करना चाहिए। ज्योतिषशास्‍त्र के अनुसार व्यक्ति को उनके पूर्व जन्म के कर्म का फल इस जन्म में भुगतना पड़ता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा शनि या राहु द्वारा पी‌ड़ित व्यक्ति या ग्रहण दोष से पी‌‌ड़ित व्यक्ति डिप्रेशन में आ जाता है।

गणेश चतुर्थी: देवताओं और गजानंद के बीच हुई थी बड़ी बहस, शिवजी ने इस तरह निकाला समाधान

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या पूजा को शुरू करने से पहले भगवान गणेशजी की पूजा जरुर की जाती है। भगवान गणेश को समृद्धि,बुद्धि और भाग्य का देवता माना जाता है। भगवान गणेश मनुष्‍यों के कष्‍ट दूर कर देते है और उनकी पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। आखिर सभी देवी-देवताओ में सबसे पहले भगवान गणेश जी की क्यों पूजा करते हैं आइए जानते है। पढ़ें- ऐसी मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य को शुरू करते समय भगवान गणेश करने से उस काम में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आती है। भगवान गणेश जी पूजा करते समय उस काम में आने वाली बाधा दूर हो जाती है।

कुशग्रहणी अमावस्या आज, इस दिन 12 महीनों के लिए जमा करते हैं विशेष तरह की घास

हर महीने को पड़ने वाली अमावस्या तिथि का अपना विशेष महत्व होता है। सोमवार को होने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते है। भादो महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या और अघोरी चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा जिसके कारण इसका महत्व बढ़ जाता है। पढ़ें- कुशग्रहणी अमावस्या के दिन पूरे साल के लिए अनेक धार्मिक कार्यो के लिए कुश जोकि एक प्रकार की घास होती है को एकत्र किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यदि घास को एकत्रित किया जाए तो पूरे साल इसका पुण्य लाभ मिलता है। किसी भी धार्मिक कार्य में इसका प्रयोग करना जरुरी होता है।

इस पक्षी के एक पंख से दूर रहती है सारी आसमानी ताकतें, होता है व्यक्ति को भरपूर लाभ

कहते हैं मानव दुनिया के अलावा भी एक दुनिया है, जहां इंसानी दुनिया को छोड़ चुके लोग रहते हैं। आम भाषा में इन्हें कहते हैं। वैसे तो ये इंसानी दुनिया से दूर ही रहते हैं, लेकिन कुछ एक बार किसी खास कारण से ये अपनी दहलीज को लांगते हुए इस दुनिया में प्रवेश कर ही जाते हैं। जिसके बाद इंसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी अपने घर में ऐसी किसी नकारात्मक शक्ति का अहसास होता है और आप सारे उपाय करके थक गए हैं तो एक पंख आपकी सारी परेशानी दूर कर देगा। ये भी पढ़ें-  पंख को अपने सामने रखकर 1000 बार इस मंत्र का जाप करें। हर बार मंत्र पूरा होते पंख में पर बार फूंक मारें। ऐसा करने से पंख अभिमंत्रित हो जाता है। ऊं मनः रुद्राय, नमः कालिकाय

कुंडली में इस ग्रह की अशुभ दशा, बर्बाद कर देती है व्यक्ति की शादीशुदा जिंदगी

जिस नक्षत्र में व्यक्ति का जन्म होता है, वो उसके पूरे जीवन को प्रभावित करती है। कहा जाता है कि व्यक्ति की जन्म कुंडली में नौ होते हैं, जिनकी चाल व्यक्ति प्रभावित होता है। इन्हीं में मंगल ग्रह को काफी महत्तपूर्ण माना जाता है और इसके अशुभ होने पर व्यक्ति के सामने सबसे बड़ी परेशानी पैसों की आती है। जानिए मंगल ग्रह कैसे प्रभावित करता है व्यक्ति की जिंदगी को ये भी पढ़ें-  अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ है तो वह कर्जदार तो होता ही है। साथ ही ये कर्जा दिन पर दिन बढ़ता ही जाता है। मंगल के अशुभ होने पर अगर जातक भूमि संबंधी कोई भी काम करता है तो उसे नुकसान होता है। अगर मकान भी बनवाता है तो उसमें रहने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शारीरिक रूप से भी जातक परेशान रहता है। मंगल ग्रह के अशुभ होने पर अक्सर व्यक्ति के शरीर में दर्द रहता है और रक्त संबंधी बीमारी से पीड़ित रहता है।

रोज बोलें सिर्फ ये 4 शब्द, कभी कमजोर नहीं होगी आपकी याददाश्त

आज की बिजी लाइफ में लोग छोटी छोटी बातों को जल्दी ही भूल जाते हैं। काम का प्रेशर, घर की टेंशन और न जाने कितनी बातों के बीच कुछ दिन पुरानी या कभी कभी तो कुछ मिनटों पहले की ही बात भूल जाते हैं। इसी वजह से लोगों ने अपनी रोजमर्रा की आदतों में बादाम खाना शुमार कर लिया है, जिससे उनकी याददाश्त समय के साथ बरकरार रहें। माना जाता है कि रोज सुबह शाम भीगे बादाम खाने से याददाश्त बरकरार रहती है। में ऐसे कई तरीके बताए गए जो बादाम से भी ज्यादा कारगर है। ऐसे ही है ये 4 शब्‍द, जिन्हें रोज बोलने से याददाश्त अच्छी हो जाती है और आप बादाम खाना भूल जाएंगे। ये भी पढ़ें- इन 4 शब्दों को सुनने मात्र से ही बुद्धि तेज हो जाती है। इस मंत्र को बोलने से पहले उत्तर दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्‍थापित करें। मां सरस्वती की तस्वीर के सामने सामने घी का दीया जलाकर सफेद फूल अर्पित करें। ये भी पढ़ें-  इसके बाद आपको ऊं ऐ ऐ नमः मंत्र बोलना है। इस मंत्र को पूरे मन से बोलें और इस दौरान अपने मन में कोई दूसरे विचार न लाएं। ध्यान रहें कि इस मंत्र को 21 दिनों तक बोलना है और इतने दिनों तक आपको ब्रह्मचार्य की पालना करना है। 22 वें दिन सात कन्याओं को खीर का प्रसाद दें।

अजा एकादशी आज: इस व्रत को करने से राजा हरिश्चन्द्र को दोबारा मिला था राज-पाठ

आज अजा एकादशी है। भादो महीने में मनाई जाने वाली को अजा एकादशी कहते है। इस एकादशी को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता इस एकादशी को करने से राजा हरिश्चन्द्र को अपना खोया हुआ परिवार और राज-पाठ वापस मिल गया था। इस बार यह एकादशी 18 अगस्त को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि अजा एकादशी की कथा। पढ़े- भगवान श्री राम के वंश में हरिश्चन्द्र नाम के एक राजा हुए थे। राजा अपनी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। एक बार देवताओं ने इनकी परीक्षा लेने की योजना बनाई। राजा ने स्वप्न में देखा कि ऋषि विश्वामित्र को उन्होंने अपना राजपाट दान कर दिया है।