भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक का यह त्यौहार इस बार 7 अगस्त 2017 को मनाया जाएगा। इस बार का रक्षाबंधन कई मायनों में खास रहेगा। 12 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि रक्षाबंधन के दिन पड़ रहा है। साथ ही इस दिन भद्राकाल भी रहेगा और सावन का आखिर सोमवार भी रहेगा।
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इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर रहेगी जिस कारण से 11 बजकर 4 मिनट के बाद ही कलाई पर राखी बांधने की रस्म शुरू होगी। भद्रा को शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है, इसलिए भद्रा के समाप्त होने के बाद राखी बांधना शुभ फलदायी रहेगा।
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इस बार का रक्षाबंधन खास होने की एक और वजह है दरअसल इस दिन सावन का पवित्र अंतिम सोमवार है। सावन का अंतिम सोमवार को होने के कारण काफी शुभ माना गया है।
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इसके आलावा इस दिन चंद्रगहण का साया भी रहेगा यह ग्रहण रात के 10 बजकर 52 मिनट पर शुरु होगा और ग्रहण का सूतक दोपहर बाद 1 बजकर 52 मिनट से ही आरंभ हो जायेगा जो रात्रि के 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
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पंडितों के अनुसार 7 अगस्त को रक्षाबंधन भद्राकाल के समाप्त होने के बाद यानि 11 बजकर 4 मिनट से चंद्रगहण के सूतक लगने के पहले यानि 1 बजकर 52 मिनट तक कर लेना चाहिए।