सावन महीने की पूर्णिमा को का त्यौहार मनाया जाता है इस बार यह पर्व 7 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार के रक्षाबंधन में के साथ भद्रा का भी साया होगा। शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए क्यों इसे अशुभ माना जाता है आखिर क्यों के समय राखी नहीं बांधी जाती आइए जानते है इसके पीछे का कारण।
 
 
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दरअसल भद्रा और सूतक होने के दौरान को भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण की बहन सूर्पनखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल के लगने के दौरान ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का सर्वनाश हुआ था। यही वजह है कि लोग भद्रा के समय राखी नहीं बांधते हैं।





इसी तरह एक दूसरी मान्यता है कि भद्रा काल के दौरान भगवान शिव तांडव करते हैं जिसकी वजह से वे काफी गुस्से में होते हैं। इस दौरान महादेव के क्रोध होने के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।





इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर रहेगी जिस कारण से 11 बजकर 4 मिनट के बाद ही कलाई पर राखी बांधने की रस्म शुरू होगी। भद्रा को शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है, इसलिए भद्रा के समाप्त होने के बाद राखी बांधना शुभ फलदायी रहेगा।
 




इस दिन चंद्रगहण का साया भी रहेगा यह ग्रहण रात के 10 बजकर 52 मिनट पर शुरु होगा और ग्रहण का सूतक दोपहर बाद 1 बजकर 52 मिनट से ही आरंभ हो जायेगा जो रात्रि के 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।