आज देशभर में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई जा रही है। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उत्तर प्रदेश के बांदा में इनका जन्म हुआ था। तुलसीदासजी ने श्रीरामचरितमानस और हनुमान चालीसा सहित अपने जीवन काल में 12 ग्रन्थों की रचना की थी। तुलसीदास को महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी कहा जाता है। आइए जानते है गोस्वामी तुलसीदासजी से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

- तुलसीदास का जन्म मूल नक्षत्र में एक ब्राह्राण परिवार में हुआ था। ऐसी मान्यता है कि तुलसीदास अपनी माता के गर्भ में 12 महीने तक रहने के कारण काफी हुष्ट-पुष्ट थे। जन्म के समय में इनके मुख में 32 दाँत थे और जन्म लेने के साथ इन्होनें राम शब्द का उच्चारण किया था जिससे इनका नाम रामबोला पड़ गया।

- ऐसी मान्यता है कि तुलसीदास को हनुमान,भगवान राम-लक्ष्मण और शिव-पार्वतीजी के साक्षात दर्शन प्राप्त हुए थे। अपनी यात्रा के दौरान तुलसीदास काशी में उन्हें एक प्रेत मिला, जिसने उन्हें हनुमानजी का पता बताया। हनुमानजी के दर्शन  करने के बाद तुलसीदास ने भगवान राम के दर्शन कराने की प्रार्थना की। इसके बाद उन्हें भगवान राम के दर्शन हुए लेकिन  वह भगवान को पहचान नहीं सके।

- इसके बाद दोबारा मौनी अमावस्या के दिन दोबारा भगवान श्रीराम के दर्शन हुए उन्होंने बालक रूप में आकर तुलसीदास से कहा-“बाबा! हमें चन्दन चाहिये क्या आप हमें चन्दन दे सकते हैं?” हनुमान ‌जी ने सोचा, कहीं वे इस बार भी धोखा न खा जायें, इसलिये उन्होंने तोते का रूप धारण दोहे में बोलकर इशारा किया। 
चित्रकूट के घाट पर, भइ सन्तन की भीर।
तुलसिदास चन्दन घिसें, तिलक देत रघुबीर॥

तुलसीदास श्रीराम जी की उस अद्भुत छवि को निहार कर अपने शरीर की सुध-बुध ही भूल गये। भगवान ने स्वयं अपने हाथ से चन्दन लेकर अपने तथा तुलसीदास जी के मस्तक पर लगाया और अन्तर्ध्यान हो गये।